रविवार, 14 नवंबर 2010

मेरे बच्चों साल के तीन सौ चौंसठ दिन और १४ नवंबर भी मुबारक हो








मेरे देश के कल ,
मेरे प्यारे वत्सल,
सब कह रहे हैं कि,
आज ही दिवस ,
तुम्हारा है ॥॥
मैं कहता हूं ,
कि ये दिवस , ये माह,
और ये समय सीमा क्यों ,
हर क्षण , हर पल ,
हर वर्ष ही तुम्हारा है ॥ ॥
तुम्हीं से ,
हर दिशा ,
तुम्हीं से देश की धारा है ॥ ॥
वक्त जानता है ,
ये बात बखूबी ,
उस देश की जवानी ,
कायम होती है ,
जिस देश ने अपने,
बचपन को संवारा है ॥ ॥
रहो तुम निरोग,
रहो तुम अबोध ,
बचपन रहे मासूम हमेशा ,
अब यही प्रयास हमारा है ॥
जा आज तुझे ,
आशीष दें , अपने रोम रोम से ,
जा तेरे लिए ,
सबका सर्वस्व ही सारा है ॥ ॥


तो मेरे बच्चों तुम्हें साल के तीन सौ चौंसठ दिन और १४ नवंबर भी मुबारक हो ....मेरे कलेजे के टुकडों मुबारक हो मुबारक तुम्हें ...

15 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल :)
    बच्चों के लिए ढेर सारी दुआयें

    जवाब देंहटाएं
  2. गोलू,मोलू ---बहुत बहुत बधाई...(पापा की कविता भी भाई)...शुभकामनाएं व आशिर्वाद...सब कुछ तुम्हारे लिए...

    जवाब देंहटाएं
  3. एकदम दिल से लिखा है अजय भाई !
    बाल दिवस के शुभ अवसर पर आपको और पूरे परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं ! खास कर इन दोनों को तो बहुत बहुत बहुत बहुत स्नेहाशीष !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर झा जी !

    बाल दिवस पर इन नवांकुरो को आशीष !

    जवाब देंहटाएं

  5. बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !

    आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर पोस्ट सजाई है आपने!
    --
    पोस्ट के लिए बहुत सुन्दर चित्र का चयन किया गया है!
    --
    बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
    --
    आपकी पोस्ट की चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी है!
    http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/11/28_15.html

    जवाब देंहटाएं
  7. गोलू-मोलू स्वेटर पहनों ..........ठंड बहुत है...सर्दी लग जायेगी....

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूब....

    --------
    http://rimjhim2010.blogspot.com/2011/03/blog-post_09.html

    जवाब देंहटाएं