जितनी ही जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता हमारी , हमारे जीवन से जुडे अन्य पहलुओं , नौकरी , गृहस्थी , पढाई लिखाई और अन्य ऐसी ही बातों के लिए है उतनी ही अपने बच्चों के लिए भी है । मैंने इस मामले में एक तय नियम बनाया हुआ है , जब भी बच्चों के साथ खेलने पढने और यहां तक कि उनके साथ बैठ कर टीवी देखने का भी मौका भी मुझे मिलता है , मैं उसे हाथ से जाने नहीं देता । फ़िर चाहे वो छत पर क्रिकेट खेलने का हो या बुलबुल के साथ बैठ उसके "टॉम एंड जैरी" देखने का , आयुष हमेशा मेरे साथ डिस्कवरी और हिस्ट्री जैसे चैनल मुझसे दूने उत्साह के साथ देखता है , मुझे भी ज्यादा मज़ा आता है ।
आज अचानक हमें आदेश दे दिया गया कि ,आज तो इंडिया गेट और उसके समीप ही स्थित चिल्डैन पार्क की ओर कूच करना ही करना है । बस जी , आगे की कहानी आप इन फ़ोटोज़ के सहारे देखिए पहले
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इंडिया गेट की उस दिन खासी धुलाई हो रही थी |
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इंडिया गेट के आसपास |
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अमर जवान ज्योति स्तंभ के साथ जय जवान भी |
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और एक पोज़ वाली ईश्टाईल की फ़ोटो भी हो जाए |
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चिल्ड्रेन पार्क में मस्ती करना तो हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है |
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मस्ती एंड झूला टाईम |
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अरे वाह , पापा देखो कित्ती सारी मछलियां हैं |
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एक फ़ोटो शेर जी के साथ |
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ओपन थिएटर की दर्शक दीर्घा में सबसे ऊपर बैठ कर एक हो जाए |
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अब मंच पर उतर के तितली उडी भी गा ही लिया जाए |
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एकदम नहाए धोए ताज़े ताज़े फ़ूल से स्नान के बाद |
चलिए अब आप सबको बाय बाय , फ़िर मिलेंगे अगली किसी पोस्ट के सथ
वाह,देख कर ही मन में ऊर्जा से भर उठा !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रतिभी जी
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-12-2013 को चर्चा मंच की चर्चा - 1473 ( वाह रे हिन्दुस्तानियों ) पर दिया गया है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
आभार
आपकी इस ब्लॉग-प्रस्तुति को हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ कड़ियाँ (25 दिसंबर, 2013) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,,सादर …. आभार।।
जवाब देंहटाएंकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
स्मृतियों में रच - बस जाये ऐसा दिन ..... ब्च्चों को स्नेहाशीष :)
जवाब देंहटाएंjeevant....
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