अभी कुछ समय पहले ही बुलबुल और गोलू अपने चाचा जी के यहां जयपुर घूमने गए थे ऐसे में कनक घाटी ,जयपुर में पूरा परिवार पिकनिक मनाने , घूमने , झूला झूलने और मस्ती करने न जाए ऐसा कैसे हो सकता है भला , और देखिए क्या क्या मस्ती मची बस्ती में
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| कनक घाटी का नोटिस बोर्ड | 
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| सबसे पहले पेट पूजा की जाए , चाचा चाची के साथ बुलबुल एंड कंपनी | 
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| चलो अब जरा पींगे मारी जाएं | 
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| ये लो मैं बैठ गई इस तबले वाले झूले पर भी | 
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| अरे वाह , ये तो खूब उछलता है | 
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| जरा अब इसमें घुस कर देखा जाए ये क्या है | 
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| गुगु भईया आपको समझ में आया ये क्या है | 
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| रुको मैं स्पीड से इसका एक चक्कर लगाती हूं शायद कुछ पता चले | 
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| दफ़ा करो ...इस वाले को ट्राई करके देखते हैं , भईया तो आसन जमा के बैठ गए हैं | 
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| मुश्किल वक्त , कमांडो सख्त | 
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| कदम कदम बढाए जा | 
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| और बढाए जा | 
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| गुगु भईया के साथ बुलबुल | 
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| और ये रहा ग्रीन कार्पेट | 
 आखिर की सारी उठापटक , कूदम कूद , पकडम पकडाई इसी ग्रीन कार्पेट पर खेल खेल कर कनक घाटी को सर पर उठा लिया पूरी बच्चों की पूरी फ़ौज ने , तो जब भी जयपुर जाना इस कनक घाटी में जरूर खेलने जाना . ...........प्रॉमिस 
 
 
बच्चों की पिकनिक ..मजे ही मजे
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चित्रमय प्रस्तुति
बहुत बहुत शुक्रिया और आभार कविता रावत जी
हटाएंगोलू बुलबुल बड़े हो गए हैं :)
जवाब देंहटाएंखूब एन्जॉय कर हैं..... God Bless
शुक्रिया डा साहिबा ..हां बच्चों को बढते देर कहां लगती है
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