ये ब्लॉग कोना , मैंने अपने दोनों बच्चों के बढ़ते सफ़र को उनके चित्रों , तस्वीरों , और शब्दों में सहेजने के लिए बनाया था | कभी कभार खींची उनकी तसवीरें , आप भी देखिये ,आज बुलबुल की शरारतों का एल्बम
अपनी प्लस्टिक की छोटी सी गैया को मिट्टी की रोटियां खिलाती बुलबुल |
शरारत पकडे जाने पर और आवाज़ लगाने पर बुलबुल |
हमारी इश्माईल ,अपने लिए मिट्टी का ईश्माईल बनाते हुए , मिट्टी बहुत पसंद है ,बचपन में काफी पहुंच़ाया अपने पेट में |
सावधान , काम ज़ारी है . |
मुस्कुराता इस्शमाईल जी |
बच्चों के खेल भी निराले होते हैं उन्ही के तरह मासूम
जवाब देंहटाएंहाँ सच कहा आपने कविता जी
हटाएंइतने सालों बाद आप लौटे हैं इस तरफ... देखिये तो इत्ती बड़ी हो गयी...
जवाब देंहटाएंसमय पंख लगा कर उड़ता है , तभी तो कहते हैं
हटाएंGazabbbb bhaiya...jaldi aate hain ghar par iske saath khelne :)
जवाब देंहटाएंआओ , सदैव स्वागत hai
हटाएंयह स्माइली #हिन्दी_ब्लॉगिंग की नई अँगड़ाई के लिए है।
जवाब देंहटाएंजी बिलकुल , हिंदी ब्लॉग्गिंग जिंदाबाद
हटाएंअंतरराष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉग दिवस पर आपका योगदान सराहनीय है. हम आपका अभिनन्दन करते हैं. हिन्दी ब्लॉग जगत आबाद रहे. अनंत शुभकामनायें. नियमित लिखें. साधुवाद..
जवाब देंहटाएं#हिन्दी_ब्लॉगिंग
अहा दद्दा ,स्नेह बनाए रखियेगा
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जवाब देंहटाएंघर में बागवानी तो ब्लॉग डे भी बढिया है।
जी शुक्रिया संदीप जी
हटाएंये आपका घर पर बागवानी वाला अंदाज बहुत पसंद है हमें, बिटिया को शरारती अंदाज में देखकर अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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