लो जी , पहुंच गए गोल्डेन टेंपल ,ममा देखो ये गोलू भईया तो मछलियां देखने में लगा हैअब , मैं खुद अपने आप घूम कर देखती हूंओहो ! मैं मत्था टेकना तो भूल ही गई ..बोले सो निहाल ..सत श्री अकालअरे छोटी तू कहां घूम रही है , इधर चल ..............अरे भईया , क्या कर रहे हो .,...अरे छोड दो ! आप थक जाओगे ...ओह ! सच कहा छोटी मैं तो सच में ही थक गया , आ यहीं लोटम लोट हो जाते हैंअरे भईया ! आपका ध्यान तो फ़ोटो खिंचाने में रहता है ...देखो ऐसे लेटो ...इसे लोटमलोट आसन कहते हैं
रविवार, 17 अक्तूबर 2010
गोलू बुलबुल ...इन गोल्डेन टेंपल , अमृतसर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हा हा हा..मस्त... :)
जवाब देंहटाएंअरे वाह ! इस बहाने हमारी भी सैर हो गयी.
जवाब देंहटाएंबहुत भड़िया आपके साथ हम भी घूम लिए स्वर्ण मंदिर :)
जवाब देंहटाएंअनुष्का
अरे वाह स्वर्ण मंदिर की सैर ...... बहुत अच्छा लगा.....फोटोस बता रहे हैं खूब एन्जॉय भी किया है......
जवाब देंहटाएंbahut badhiya.....:)
जवाब देंहटाएं