रविवार, 17 अक्तूबर 2010

गोलू बुलबुल ...इन गोल्डेन टेंपल , अमृतसर



ओह आज तो पापा के साथ गोल्डेन टेंपल जाना है , जल्दी से नहा धो के तैयार हो जाऊं

लो जी , पहुंच गए गोल्डेन टेंपल ,ममा देखो ये गोलू भईया तो मछलियां देखने में लगा है


अब , मैं खुद अपने आप घूम कर देखती हूं



ओहो ! मैं मत्था टेकना तो भूल ही गई ..बोले सो निहाल ..सत श्री अकाल


अरे छोटी तू कहां घूम रही है , इधर चल ..............


अरे भईया , क्या कर रहे हो .,...अरे छोड दो ! आप थक जाओगे ...


ओह ! सच कहा छोटी मैं तो सच में ही थक गया , आ यहीं लोटम लोट हो जाते हैं

अरे भईया ! आपका ध्यान तो फ़ोटो खिंचाने में रहता है ...देखो ऐसे लेटो ...इसे लोटमलोट आसन कहते हैं





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