सोमवार, 26 दिसंबर 2011

अथ मिकी माऊस स्नान गाथा ...जय हो बुलबुल माता




इसके लिए पहले एक अदद मिकि माऊस लें , अपने वजन और आकार के हिसाब से लें 


फ़िर उसे पट पकड के ,नल के नीचे हर हर गंगे करा दें

अगर मिकि साष्टांग होकर डुबकी मारना चाहें तो उन्हें फ़ौरन पटक दें

फ़िर प्यार से कान पकड के खैंच के नलके के नीचे बिठा दें , पिछवाडे के बाद उनके थोबडे की भी धुलाई अवश्य करें

बस इसके बाद , उन्हें उनकी दुम पकड के तार पे उलटा लटका दें , बाबा मिकी सूखते सूखते झिंगालाला गाते पाए जाएंगे     





तो इस तरह से अथ मिकी माऊस स्नान गाथा , आप खिली धूप वाले दिन करें , मिकी भी पिरसन्न पाए जाएंगे

4 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा ... बेचारा मिक्की भी सोच रहा होगा कि कौन से रिंग मास्टर के हाँथ लग गए!

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  2. "फ़िर उसे पट पकड के ,नल के नीचे हर हर गंगे करा दें" ...

    एक अदद मिकी माउस लिया.....पर गरम पानी के नल या ठंडे पानी के ???????????????:-)
    और...
    --- मिकी भी पिरसन्न पाए जाएंगे ...खिली धूप में बुलबुल माता के साथ फोटो खिंचवा सकते हैं....पिरसन्नता होगी.....

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  3. जी मैं बिल्कुल समझ गया अर्चना जी

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