पुत्र आयुष को अपने शुरूआती दिनों से ही खाली समय में अपनी पेन्सिल रंग पेंट आदि से चित्रकारी करने का शौक रहा है और मुझे भी उसे ऐसा करते हुए देखने में आनंद आता है | मैं भी उसे उसकी इस आदत या शौक को आगे बढाने के लिए उसे तरह तरह के रंग पेंट ब्रश आदि देता रहता हूँ | आप उसकी कुछ चित्रकारी इन पोस्टों पर देख कर सराह चुके हैं , देखिये इन दिनों उसने क्या क्या कोशिश की है
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, संत कबीर के आधुनिक दोहे - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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अब शुरू कीजिये इस ब्लॉग को फिर से... :)
जवाब देंहटाएंठीक कहा अभिषेक मैं भी ऐसा ही सोच रहा हूँ
हटाएंबहुत दिनों बाद लौटे और इतनी सुन्दर चित्रकारी ने मन मोह लिया... पहले चित्र में जीवन के कई रंग हैं तो दूसरे चित्र में नीले सागर की चटक रंग की मछलियाँ प्रसन्नचित्त बाल स्वभाव को दिखाती हैं...तीसरा चित्र आस्था का है...बहुत खूब पियूष ...कभी कभी शौक हुनर बन सफलता की ओर भी ले जाता है.. ढेरों शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआपका स्नेह आयुष तक पहुंचा दूंगा मीनू दीदी , बहुत बहुत शुक्रिया और आभार आपका
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